White मुझको अपने बीते कल में, कोई दिलचस्पी नहीं मैं जहां रहता था अब वो घर नहीं, बस्ती नहीं। सब यहां उदास, माथे पर लिए फिरते शिकन अब किसी चेहरे पे दिखता नूर औ' मस्ती नहीं। ना कोई अपना बना, ना हम किसी के बन सके इस शहर में जैसे अपनी कुछ भी तो हस्ती नहीं। तेरी तरह हो जाऊं क्यों, भी़ड़ में खो जाऊँ क्यों शख्सियत हमारी इतनी भी सस्ती नहीं ©Deepbodhi #Thinking shayari sad most romantic love shayari in hindi for boyfriend sad shayari attitude shayari love shayari