जुल्म सहे बरसों से पर यह नुमाइश नही करती जो मिले उसी में खुश है, ये कोई फरमाइश नही करती। सब बराबर यहाँ किसी को ये सौतेला नही करती ये मेरे वतन की मिट्टी है, किसी को मैला नही करती। जो आये यहां ,सब को दिया इसने अपना समझ के जगत जननी है ये अपने और पराये में फरक नही करती माना के कुछ ने सिला नही दिया इसकी कुर्बानी का फिर भी ये किसी से गिला शिकवा कभी नही करती। के अब तो बस नाम ,status और likes के लिए है जश्ने आज़ादी यहाँ आजादी का दिन गुजरा नही के फिर वो तिरंगे वाली dp भी नही रहती। #independenceday #loveforcountry