अब दोष लगाना भी बंद करो, सूझ बूझ से एक नई पहल करो! संस्कृति को नकार की कोशिश में, तुम इतिहास झुठलाने में लगी हो!! माना तुम कहती रहती हो हर-पल, उस बात को कभी, सिद्ध भी किया करो! अपनी ही बातों को घुमा फिरा कर, तुम दूसरों में सारा किस्सा डाल देती हो! थोड़ी सी गलती को ऊंचा उठा कर , हर कहानी में खुद नायक बन जाती हो!! बस अब दोष लगाना भी बंद करो!! जानते हो हर कोने में एक खड़ा, जिसको समझाना हैं थोड़ा मुश्किल! फिर उससे तुम हमेशा क्यों डरती हो!! कुछ अंधेरी शब्दों में आके तुम हमेशा, संस्कृति को खुद ही ठुकरा जाती हो! उसमें, बड़ी हिम्मत से ऐलान करती हो!! कभी खुद से ही कोने को देख लो, उसके लिए क्यों सड़क का ज्ञान देती हो! उठाओ, थोडी सी हिम्मत से धार खड़ग अच्छी से एक ऐलान, उस कोने में करलो! अच्छी से एक ऐलान, उस कोने में करलो !! अब दोष लगाना भी बंद करो, सूझ बूझ से एक नई पहल करो!! ©Nik Pant बस बंद करो...लेख !! #Nojoto #nojotohindi #nohotopoetry #NojotoFamily #Poetry #poetry🖤 #niklekh #moonnight