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हँस उठते पल में आर्द्र नयन धुल जाता होठों से विषाद

हँस उठते पल में आर्द्र नयन
धुल जाता होठों से विषाद
छा जाता जीवन में बसंत
लुट जाता चिर संचित विराग

आँखें देतीं सर्वस्व वार
जो तुम आ जाते एक बार।।

                महादेवी वर्मा

©Arpit Mishra महादेवी वर्मा 
#standout
हँस उठते पल में आर्द्र नयन
धुल जाता होठों से विषाद
छा जाता जीवन में बसंत
लुट जाता चिर संचित विराग

आँखें देतीं सर्वस्व वार
जो तुम आ जाते एक बार।।

                महादेवी वर्मा

©Arpit Mishra महादेवी वर्मा 
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Arpit Mishra

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महादेवी वर्मा #standout #Poetry