कितना ख्याल रखती हो तुम मुझ जैसे बंजारे का ! मां जैसा ख्याल रखती हो तुम अपने लाडले से प्यारे का! कितना अनमोल रिश्ता बना है अलग से प्रेम न्यारे का ! तुम खुद के दर्द को भूल गई हो जैसे मौसम कोई फुहारे का! "सुशील" को कुछ समझ नहीं आता बस इंतजार करता रहता है तुम्हारे इशारे का! कितना ख्याल रखती हो तुम मुझ जैसे बंजारे का ! मां जैसा ख्याल रखती हो तुम अपने लाडले से प्यारे का!