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मैं साँप से नहीं डरता हूँ उस आदमी से जिसका काटा सा

मैं साँप से नहीं
डरता हूँ उस आदमी से
जिसका काटा साँप भी
पानी नहीं माँगता

मैं डरता हूँ उस आदमी से
जो साँप को दूध पिलाता है
इस उम्मीद से कि
साँप उसे नहीं डसेगा

मैं डरता हूँ
ईश्वर के उस मंदिर से
जो किसी दलित के प्रवेश से
अपवित्र हो जाता है

मुझे ईश्वर से नहीं
ईश्वर के नाम से आदमी को
डराने वाले से डर लगता है

बहुत बहुत
डर लगता है

©Rabindra Prasad Sinha
  #अ आ