Nojoto: Largest Storytelling Platform
rabindraprasadsi7942
  • 175Stories
  • 326Followers
  • 2.0KLove
    9.3LacViews

Rabindra Prasad Sinha

  • Popular
  • Latest
  • Video
451276b2408449b3394221fbd6031dbb

Rabindra Prasad Sinha

वह चाय
जिसे पिया था हम दोनों ने
एक ही कप में
घूँट घूँट, चुभलाते हुए
महुए सी मादक और रसीली थी

आज जब तुम नहीं हो
पी रहा हूँ उसी कप में
क्योंकि 
मेरे और तुम्हारे जीवन के
सुंदरतम 
क्षणों का साक्षी है यह

©Rabindra Prasad Sinha
  #अ आ

126 Views

451276b2408449b3394221fbd6031dbb

Rabindra Prasad Sinha

White चाहो गर आना
अनावृत आना

खुशबू की तरह
चाँदनी की तरह
नदी और पहाड़ की तरह

और पूछना पड़े अगर मेरा पता
मत आना

कोई अपने घर का
पता पूछता है क्या

©Rabindra Prasad Sinha
  #अ आ
451276b2408449b3394221fbd6031dbb

Rabindra Prasad Sinha

White जब मैं 
पेड़ो को पानी देता हूँ 
तब बदल जाता हूँ 
हरे भरे जंगल में

जब मैं
नदी में डूबकी लगाता हूँ
तब बहने लगती है नदी
मेरे अंतस में

जब मैं 
छूता हूँ पहाड़ को
तब जान पाता हूँ
कठोरता में रची बसी कोमलता को

प्रेम ने 
बदल दिया है इतना मुझे कि
मैं धृणा से भी
करना चाहता हूँ प्रेम

©Rabindra Prasad Sinha
  #अ आ

126 Views

451276b2408449b3394221fbd6031dbb

Rabindra Prasad Sinha

White पेड़ चाहिए
छाया नहीं, लकड़ी के लिए

पहाड़ चाहिए
औषधि नहीं, पत्थर के लिए

नदी चाहिए
पानी नहीं, रेत के लिए

खेत चाहिए
धान्य नहीं, धन के लिए

हमने लालसा के वशीभूत
मार डाले पेड़
मार डाले पहाड़
मार डाली नदियाँ
मार डाले खेत

मार डाली
अपनी खुशियाँ
अपना सुख

©Rabindra Prasad Sinha
  #अ आ

108 Views

451276b2408449b3394221fbd6031dbb

Rabindra Prasad Sinha

मिट्टी के गर्भ में
अंकुरित होता है बीज
अंकुर बनता है वृक्ष
वृक्ष पर खिलते हैं फूल
फूल से बनता है शहद
और शहद है मिठास

मिट्टी मिट्टी नहीं जनती
मिट्टी जनती है प्रेम

करती है सृजन

©Rabindra Prasad Sinha
  #अ आ
451276b2408449b3394221fbd6031dbb

Rabindra Prasad Sinha

पेड़ काटना
पेड़ की हत्या है

पेड़ की हत्या कर हम
कागज बनाते हैं

कागज बना कर हम
किताबें बनाते हैं

किताबें बना कर हम
 हितोपदेश लिखते हैं
 "पेड़ मत काटो"

हितोपदेश करने के बाद
हम फिर पेड़ काटते हैं

©Rabindra Prasad Sinha
  #अ आ

117 Views

451276b2408449b3394221fbd6031dbb

Rabindra Prasad Sinha

White बुरे को 
बुरा नहीं तो
क्या लिखूँ

मेरे भीतर जो 
छुप कर बैठा है
निरंतर 
टोहकता है

जैसा हूँ 
वैसा ही 
क्यों न दिखूँ

©Rabindra Prasad Sinha
  #अ आ

135 Views

451276b2408449b3394221fbd6031dbb

Rabindra Prasad Sinha

झूठ  को   हासिल  यहाँ   है  कोठियाँ
एक  कमरा  तक  नहीं  सच को यहाँ

बंदरों   ने   बाँट   लीं    सब   रोटियाँ 
ताकती  हीं  रह  गयी .सब बिल्लियाँ

कौरवों  को  ही  बुरा  हम  क्यों  कहें
आज   भी   तो  रो  रहीं   हैं   बेटियाँ

चाँद पर जाओगे तुम तुमको मुबारक
हम  हैं  भूखे  हम  तो  चाहें   रोटियाँ

सभ्यता  से  ये  मिला  है  आदमी को
भय  गरीबी  भूख निराशा सिसकियाँ

©Rabindra Prasad Sinha
  #अ आ

144 Views

451276b2408449b3394221fbd6031dbb

Rabindra Prasad Sinha

White माँ माँ होती है
इसलिए नहीं कि
वह जननी है

माँ माँ होती है
इसलिए नहीं कि
लालन पालन करती है

माँ माँ होती है इसलिए कि
कहे बिना ही बच्चे के मन को
 समझती है

माँ माँ होती है इसलिए कि
बच्चा शब्दों के बिना भी
मन की बात कह सकता है

©Rabindra Prasad Sinha
  #अ आ
451276b2408449b3394221fbd6031dbb

Rabindra Prasad Sinha

आपको याद है
इस शहर में कितने तालाब थे कभी

जानते हैं आप
कैसे मरता है पानी 
कैसे मरता है तालाब 
कैसे बनती है तालाब की कब्र पर
ईंट गारे की बहुमंजिली ईमारतें 

पानी  मरता है
तालाब  मरते हैं 
लेकिन सबसे पहले
आदमी की आँख का पानी मरता है

©Rabindra Prasad Sinha
  #अ आ

108 Views

loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile