bench मुझे चाहिए.... मां सरस्वती मुस्कुराती हुई जिंदगानी चाहिए, शब्द की जागृत कहानी चाहिए, सारी दुनिया अपनी हो जाती है बस एक आपकी मेहरबानी चाहिए.. मैं सदैव लिखती रहूं बस एक ऐसी क़लम चाहिए, मुझे भी कोई पढ़ सकें ऐसी आत्मसिद्धि चाहिए.. मुझे भी समझ सके कोई ऐसा एक किरदार चाहिए, या मै स्वयं ही खुद को समझ पाऊं ऐसा एक दर्पण चाहिए.. मुझे शब्दों का पूरा शब्दालय चाहिए, मुझे अलंकृत कर सके वो शब्दालंकार चाहिए.. मुझे सम्मान का पूरा आसमान चाहिए, धरती का सारा प्रेम चाहिए... मुझे खुशियों की खिलखिलाती हुई धूप चाहिए, मुझे संसार का सर्वस्व चाहिए... खैर ये शब्द है मिलेगा कुछ नहीं ..😶🙃 ©Sanjana Hada #Bench