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माँगा था जिस माँ ने मन्नत में तुझे आज उस नारी का इ

माँगा था जिस माँ ने मन्नत में तुझे
आज उस नारी का इज्जत कत्लेआम नीलाम हो गया
तूने अपमान का काम कर गया
तूने बलात्कार कर नारी को शर्मसार कर दिया
किसी घर के चिराग का जीवन बर्वाद कर दिया
किस हक़ से सर उठा के चले
नारी है वो और किसी नारी का अपमान कैसे सहे
"मन्नतो में मांगी दुआएँ थी"
"किसी की ख़ुशी,सुख छाई थी"
"बड़े जतन से सम्हाले किसी की कमाई थी"
"अरे वो रौनक की परछाई थी"
आ मर्द की मर्दानगी बताये तुझे
किसी की इज्जत बचा उसे घर पहुचाता
मर्दानगी दिखा दरिंदो को मार भगाता
तब तू मर्द कहलाता
पर तू उल्टा किया रे
अपने घर ,समाज को बदनाम किया रे
किसी नारी का जीवन बर्बाद किया रे
किस मुह से तेरी माँ तुझे बेटा पुकारेगी
वो तो जीते जी शर्म से मर जायेगी

अंत में बस यही कहूँगा
कर सम्मान नारी का
" नारी से नर  है
वरना ये दुनिया नर्क है" कर सम्मान
माँगा था जिस माँ ने मन्नत में तुझे
आज उस नारी का इज्जत कत्लेआम नीलाम हो गया
तूने अपमान का काम कर गया
तूने बलात्कार कर नारी को शर्मसार कर दिया
किसी घर के चिराग का जीवन बर्वाद कर दिया
किस हक़ से सर उठा के चले
नारी है वो और किसी नारी का अपमान कैसे सहे
"मन्नतो में मांगी दुआएँ थी"
"किसी की ख़ुशी,सुख छाई थी"
"बड़े जतन से सम्हाले किसी की कमाई थी"
"अरे वो रौनक की परछाई थी"
आ मर्द की मर्दानगी बताये तुझे
किसी की इज्जत बचा उसे घर पहुचाता
मर्दानगी दिखा दरिंदो को मार भगाता
तब तू मर्द कहलाता
पर तू उल्टा किया रे
अपने घर ,समाज को बदनाम किया रे
किसी नारी का जीवन बर्बाद किया रे
किस मुह से तेरी माँ तुझे बेटा पुकारेगी
वो तो जीते जी शर्म से मर जायेगी

अंत में बस यही कहूँगा
कर सम्मान नारी का
" नारी से नर  है
वरना ये दुनिया नर्क है" कर सम्मान
arunkr8291535920797

Arun kr.

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