White शीर्षक- किससे कहे दिल की बात को हम ------------------------------------------------------------------- किससे कहे दिल की बात को हम। हँसता है हरकोई इसको सुनकर।। करता नहीं है मदद कोई भी। करते नहीं बात वो भी खुलकर।। किससे कहे दिल-------------------------।। मिलायेंगे वो हाथ तो रोज हमसे। पूछेंगे हाल भी वो दिल का।। हमारी हाँ में मिलाते हैं हाँ वो। मगर चल देते हैं वो हँसकर।। किससे कहे दिल-------------------।। अगर सुन ले बुरी खबर वो हमारी। बहुत हमदर्दी जताते हैं हम पर।। मगर हो हमें गर दवा की जरूरत। बढ़ाते नहीं है वो हाथ बढ़कर।। किससे कहे दिल---------------------।। पसंद नहीं उनको कष्ट उठाना। किसी के लिए अपने आँसू बहाना।। हरकोई भूखा यहाँ है दौलत का। नहीं कोई लुटाता खुशी भूलकर।। किससे कहे दिल----------------------।। मतलब के रिश्ते हैं यहाँ पर सभी के। बिना स्वार्थ कोई नहीं प्यार करता।। नहीं मिलती है इज्जत बिना दौलत के। आते हैं मिलने गरज हाँ समझकर।। किससे कहे दिल----------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #गीतकार