लिखना तो चाहता हूं प्रेम पर ,विश्वास पर चहुँ ओर होते विकास पर। पर असत्य कैसे लिखूं? कोई बता दो 2 और 2 ,3 हो सका है मुझे भी सिखा दो मेरी कलम गरीबी भूखमरी देख उदासीन है इसपर पीड़ा,संताप और भय आसीन है मैं नहीं चाहता लिखना भूख और प्यास पर बेरोजगार पड़े युवाओं के संताप पर या धूमिल होते स्वप्नो के संसार पर मरते किसानों के खानदान पर या दिन पर दिन बूढ़े होते मां बाप पर थक गया हूं मैं , व्यथित हूं कुछ भी अच्छा नहीं लिख पाता मुंह भले फेर लूं सच्चाई से पर हृदय नहीं फेर पाता। ©mautila registan #nojotohindi #nojohindi #socialissues #Society #farmers #EMPLOYMENT #doubleface