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mautilaregistan3720
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mautila registan(Naveen Pandey)

not that important..m just a novice writer

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mautila registan(Naveen Pandey)

White सबको कृष्ण सा प्रेम चाहिए!
पर राधा पहले बनना होगा।
राम मांगती हो तो खुद में 
सीता सा त्याग जगाना होगा।

इस जग में सब कुछ मिलता है,
बस सत्य प्रेम नहीं मिलता।
जिसको भी थोड़ा मिलता है 
वो समय पर परख नहीं पाता।

जब रक्त सूखने लगता है,
जिव्हा से बहती लार नहीं।
अंतिम क्षण तक, स्मृति में आऊंगा।
मेरे प्रण ने ये बात कही।

जाओ देखो अपना वो सब,
जो मुझमें नहीं दिखा तुझको 
मेरे संवाद को भाषण बोल
स्वयं को ऊंचा मान लो अब

मत करो मेरा सम्मान, बस बोलो मेरा प्रेम है कम
जिसने माना कि तू ईश्वर सी, उसको देदो अभिशाप, और तम।
उसको देदो अभिशाप .......l

©mautila registan(Naveen Pandey) #SAD
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mautila registan(Naveen Pandey)

White 

हृदय के उद्गारों को सुन तो लो
प्रिय मानती हो? एक दिन तो मेरे लिए जी तो लो!

हार जाता हूं मैं तेरे आगे, कुछ नहीं कहता जो कहना चाहता हूं।
खुद से प्रयास तो करो?
प्रिय मानती हो? एक बार मेरी सिर्फ मेरी सुन तो लो!

हां ये बहुत, ज्यादा ही लोभ से भरी हुई इक्षा है।
इसमें तुम्हारा हित शायद कम है 
हो सकता है, तुम्हारे अहम को ठेस लगे।
बस एक दिन , बस एक दिन ये चोट सह के देखो।
प्रिय मानती हो? बस एक बार ही सही, 
प्रयास करके देखो, हृदय लगा के देखो, 
समर्पण करके देखो।

हास्यास्पद  स्वप्न है मेरा , कभी पूरा करके देखो। 
प्रिय मानती हो?

©mautila registan(Naveen Pandey) #love❤
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mautila registan(Naveen Pandey)

White काश इतना ही आसान होता प्रेम , जितना कोई भी सामान लेना होता है।
खरीद लेता मैं अपने हिस्से का प्रेम।

मेरा अपना नाम लिखा होता उस प्रेम पर,
कोई भी मुझे आहत नहीं करता, ये नहीं जताता कि मेरा प्रेम कमतर है 
झूठ नहीं बोलता।

मुझे इस अंधेरी खाई में कोई नहीं धकेलता रोज, जहां से निकल ही नहीं पाता मैं
सबसे बड़ी बात, पूरी आजादी से प्रेम कर पाता, अपनी तरह, कोई ऐसा अपना 
शायद मैं खरीद ही पाता।
लुटा देता अपनी सारी दौलत, अपना सब कुछ।
शायद ......

©mautila registan(Naveen Pandey) #Thinking  #poetry #love
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mautila registan(Naveen Pandey)

White कभी हुआ ऐसा कि, काम करते करते, एक अश्रु, प्रिय के नाम का अनायास ही बह निकला?

कभी हुआ ऐसा कि, बात करते करते कहीं रुक गई क्योंकि प्रिय की स्मृति आ गई?

कभी हुआ ऐसा कि, स्वयं से प्रेम बढ़ गया, क्योंकि प्रिय ने तुम्हे चुना?

कभी हुआ ऐसा कि, तुमने सिर्फ प्रिय का सोचा, खुद का सोचना ही भूल गई?

मैं तो ये सब महसूस करता हूं, रोज तेरे लिए, क्या है ये? प्रेम या आसक्ति?

बताना कभी अगर लगे कि मैंने गलत नहीं किया, बताना कि तुझे मेरे प्रेम के तरीके अच्छे लगे, बताना कि मैं अच्छा लगा। 

I wish you to complete my shortcomings in your ways.

I want to love you all the time like I don't have to see another day.

Love is not a straight path sometimes we sways...

I love you so much my darling.... that's what I want to say..

©mautila registan(Naveen Pandey) #love❤

love❤ #Poetry

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mautila registan(Naveen Pandey)

White 


पता है तुझे? रिक्त था मेरे पास, किंचित अभिशाप था जीवन।

तेरे सानिध्य से रंग है मेरे पास, आस है, आनंद है, है प्रेम का सावन रिमझिम।

अंधकार, एकाकी था एक एक रोम रोम।
पिघल सा गया मैं भी तेरे प्रेम में, जैसे मोम।
बस अपना सानिध्य बनाए रखना, सींच दो मेरे हृदय को अपने प्रेम से।
मेरा सब कुछ तुम ही तो हो पगलू, 
मत सोचो कुछ और, मस्तक से।

जिसकी एक एक कोशिका, एक एक क्षण तेरा है, तेरे लिए है।
उसके प्रति तेरा समर्पण, उतना भी नहीं 
विकट, भयंकर है।
हां बोल सकती हो अहंकार, या लोभी जो मैने समर्पण मांगा।
मैं तेरे सामने नग्न रहना चाहता हूं, कुछ भी छुपा नहीं रहेगा।

मैं सिर्फ तेरे हित हेतु ही जीवन चाहता हूं।
चाहता हूं तेरा साथ हमेशा।
एक बनके रहेंगे, दो शरीर , एक प्राण हो जैसा।

©mautila registan(Naveen Pandey) #surrender
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mautila registan(Naveen Pandey)

green-leaves 

क्यों नहीं मना पाता हूं गर रूठ जाती हो तो?
क्यों नहीं बता पाता कुछ भी? सोचा है?
अपने सारे भय, समस्याएं अकेले जीता हूं!
सारे कड़वे घूंट अकेले ही पीता हूं।

भय लगता है, की क्या सोचोगी मेरे बारे में!
डरता हूं उस हेय दृष्टि से 
मेरे पास अहम नहीं है, भय है।
जो हो सकेगा तो न दिखेगा, भ्रम है।

चलो मान लिया मैं गलत हूँ, पर अब क्या?
हर लड़ाई में अलग होने को बोल देती हो!
यही प्रेम है तेरा! आती नहीं लज्जा?
मेरे हृदय को जो सहस्त्रों बार तार तार किया!
उसकी कौन करेगा भरपाई, सोचा है?

इतना मत ढकेलो मुझे की उठ ही न पाऊं।
प्रेम के नाम से ही कांपने लगूं, बस ऐसे ही अकेला रह जाऊं।
एक ही बात तो हजारों बार बोला है , शायद 
हजार बार और बोल पाऊं।
ऐसे दूर करोगी तो लगता है भीख में प्रेम दिया है।
इससे बेहतर तो अकेले ही मर जाऊं।

©mautila registan(Naveen Pandey) #selfishlove
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mautila registan(Naveen Pandey)

White .......


एक समय के बाद तो तेरे मना करने पर भी प्रेम करता रहूंगा।
एक समय के बाद तो, स्वास भी तेरे नाम से लूंगा।
एक समय के बाद, हर जीत तेरी ही होगी।
एक समय बाद, तेरे बदले हार लूंगा।
एक समय बाद , तेरे विचार भाप लूंगा।
समय से पहले , तेरी बात जान लूंगा।
एक समय के बाद, शायद न रहूंगा।
तेरी स्मृति में रमूंगा, तेरे विचार में बसूंगा।
बस तेरा ही रहूंगा, जहां भी रहूंगा।

और वो समय आ गया है।
❤️

©mautila registan(Naveen Pandey) #Love

Love #Poetry

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mautila registan(Naveen Pandey)

White इतना कड़वा बोलके क्या मिलता है? 
अगर वो मेरे सानिध्य से बड़ा है 
ज्यादा महत्व रखता है,
तो सिर्फ कड़वा ही बोलो।

अगर इसी से हर्ष मिलता है 
तो यही विष मेरे कण कण में 
जीवन में घोलो।

तार तार कर दो एक एक क्षण जो मुझे 
हर्ष देते हों।
फाड़ दो वो हर कविता जो
मेरी याद दिलाती हो।
एकदम जला दो प्रेम की कोई भी है जो 
गुंजाइश।
कर लो यही, अगर यही है
ख्वाइश।
कभी कहीं तो कर्म और वचन को समझो और तोलो।
इतना.......।

©mautila registan(Naveen Pandey) #Irony
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mautila registan(Naveen Pandey)

White ठीक है ले लो महंगे उपहार पर 
मेरी नादान सस्ती कविता नहीं मिलेगी।

ठीक है ले लो स्वर्ण हार हीरे जवाहरात,
पर मेरी तेरे लिए चिंता , मर मिटेगी।

तुम्हे अगर दिखावा ज्यादा पसंद है, न कि मेरा गहन चिंतन मनन।
तो तूं सिर्फ कहती है कि प्रेम है, असत्य है तेरे सारे कथन।

©mautila registan(Naveen Pandey) #तर्क
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mautila registan(Naveen Pandey)

White .......

कहने को तो सुकून , आराम और पता नही क्या क्या मांगता हूं।
कहीं भी कुछ भा जाए वो सब चाहता हूं , मांगता हूं।

एक बार शायद बचपन में इतनी जोर से , शिद्दत से मांगा था कुछ,वो भी अब याद नहीं।
जब से देखा है तुझे, न कुछ और मांगता हूं।
कहने को तो .........।

राहों को देखूं तो चाहूं की तेरे पास ले जाए।
मंजिल को देखूं तो चाहूं कि तेरी छवि दिखलाएं।
धड़कन की धुन में, बस तुझे जपता हूं,रमता हूं।
कहने को...........।

©mautila registan(Naveen Pandey) #love❤ #lovefeelings #hindipoetry
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