देखता हूं दर्पण अकेला तो तेरी कमी महसूस होती है दोस्ती ही की थी लेकिन तेरे बिना सांसे अधूरी सी रहती है। वो बीते पल आज भी आंखें भिगो देते है मिलने की नुमाइश में महीने भी गुजर जाते है। काश हर किसी को मिले दोस्ती हमारे जैसी बांसुरी तो नहीं बजाते लेकिन है ये कृष्ण - सुदामा जैसी। #dosti #friendship #dostilove #nojotoshayar