अक्सर सुईंयों को धागों में मैंने सिमटे देखे हैं तेरा फ़ोन आने पे मैंने अपने खड़े रोंगटे देखे हैं कैसे निकाल दूँ उसे ज़ो दो टुकड़ों को सिला करती हैं कच्ची रोटियाँ पकाती आग में मैंने चिमटे देखे हैं prem_nirala_ अक्सर सुईंयों को धागों में मैंने सिमटे देखे हैं तेरा फ़ोन आने पे मैंने अपने खड़े रोंगटे देखे हैं कैसे निकाल दूँ उसे ज़ो दो टुकड़ों को सिला करती हैं कच्ची रोटियाँ पकाती आग में मैंने चिमटे देखे हैं #prem_nirala_