मनसूबे वो सारे जाहिर नही करता, दिख के रोष, करेके शोर-गुल-हुल्लारे जाहिर नही करता, है यही आरज़ू उसे भी, कि जहां हो एक, मैं भी हूँ वो भी हो, करता है तमाम इशारे जाहिर नही करता.... #paidstory