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एकेला होना कई मायनों में , जूठी , फरेबी , और दिखा

एकेला होना कई मायनों में ,
 जूठी , फरेबी , और दिखावे की भीड़ से 
हज़ार गुना बेहतर है
जहां 
नकली मासूम बनने वाले मुखोटों के पीछे के 
असली  चालाक/बेईमान/ज़ालिम/जहरीले
चहरों  की मतलबी भीड़ 
मन को सताती है
दिल को तड़पाती है
आत्मा को सुलगाती है
और 
दिमाग को परेशान करके खा जाती है
वहीं
सबसे से अलग थलग , सुनसान, एकांत, निर्जन,
दुनिया ओर लोगों से कोसों दूर की शांत , ख़ामोश जगह
या फिर चुप्पी इंसान के
मन को सहलाती है
दिल को बहलाती है
आत्मा को संभालती है 
और
दिमाग़ को शांत करते हुए,सुकून दिलाती हुई
उस अकेलेपन में भी उसे थामे रखते हुए
उसका साथ निभाते हुए
उसे ऐसी बेमानी ओर मतलबपरस्त भीड़ से गुजरने
और हिम्मत जुटा मजबूत बना आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हुए
उसे जिंदगी और समाज का फ़र्क समझाती है,,...

©Rakesh frnds4ever
  #akelapan 
#एकेला  होना कई मायनों में ,
 जूठी , फरेबी , और दिखावे की #भीड़ से 
हज़ार गुना बेहतर है
जहां 
नकली मासूम बनने वाले मुखोटों के पीछे के 
असली  चालाक/बेईमान/#ज़ालिम/जहरीले
चहरों  की #मतलबी  भीड़

akelapan एकेला होना कई मायनों में , जूठी , फरेबी , और दिखावे की भीड़ से हज़ार गुना बेहतर है जहां नकली मासूम बनने वाले मुखोटों के पीछे के असली चालाक/बेईमान/ज़ालिम/जहरीले चहरों की मतलबी भीड़

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