भाषा मृदुल हृदय लुभाती, हर एक अक्षर है प्रेम की पाती! श्रंगार में उत्तम श्रृंगार, प्रियवर के नैनों में, छवि झलक जब आती! हृदय तल में झंकार थिरक कदमों में मुख मंडल में आभा मुस्काती है! अथाह प्रेम मे बिन पीड़ा ही, नैनन में है अश्रु की बाती! ©deepti #अथाह #प्रेम