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 गीत :- देखकर तुमको सनम चकरा गया । चाँद कैसे आस

 गीत :-


देखकर तुमको सनम चकरा गया ।

चाँद कैसे आसमां से आ गया ।।...

हो गया ये जब कभी दीदार तो ।

बन गया आँचल यही दीवार तो ।।

वक्त से पहले न मिलता कुछ यहाँ ।

बात ये कोई हमें समझा गया ।।

देखकर तुमको सनम चकरा गया...

आज तेरी राह में बैठें यहाँ ।

होश किसको आज है की हम कहाँ ।।

कर सितम तू आज जितना दिल कहे ।

दिल हमारा वश तुम्हारे आ गया 

देखकर तुमको सनम चकरा गया .....

मर गये हम जिस अदा की वार पर ।

आज सबकी है नज़र उस यार पर ।।

ए खुदा तू ही बनाता जोड़ियां ।

सोचकर दर पर तुम्हारे आ गया ।।

देखकर तुमको सनम चकरा गया ...

चाँद से तारीफ तेरी कर रहा ।

आज मुझमे क्या भला मेरा रहा ।।

सोचकर यह बात सब घबरा गये ।

देखकर गुलशन तुझे शरमा गया ।।

चाँद कैसे आसमां से आ गया ....

देखकर तुमको सनम चकरा गया ।

चाँद कैसे आसमां से आ गया


०२/०९/२०२३   -   महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR  गीत :-


देखकर तुमको सनम चकरा गया ।

चाँद कैसे आसमां से आ गया ।।
 गीत :-


देखकर तुमको सनम चकरा गया ।

चाँद कैसे आसमां से आ गया ।।...

हो गया ये जब कभी दीदार तो ।

बन गया आँचल यही दीवार तो ।।

वक्त से पहले न मिलता कुछ यहाँ ।

बात ये कोई हमें समझा गया ।।

देखकर तुमको सनम चकरा गया...

आज तेरी राह में बैठें यहाँ ।

होश किसको आज है की हम कहाँ ।।

कर सितम तू आज जितना दिल कहे ।

दिल हमारा वश तुम्हारे आ गया 

देखकर तुमको सनम चकरा गया .....

मर गये हम जिस अदा की वार पर ।

आज सबकी है नज़र उस यार पर ।।

ए खुदा तू ही बनाता जोड़ियां ।

सोचकर दर पर तुम्हारे आ गया ।।

देखकर तुमको सनम चकरा गया ...

चाँद से तारीफ तेरी कर रहा ।

आज मुझमे क्या भला मेरा रहा ।।

सोचकर यह बात सब घबरा गये ।

देखकर गुलशन तुझे शरमा गया ।।

चाँद कैसे आसमां से आ गया ....

देखकर तुमको सनम चकरा गया ।

चाँद कैसे आसमां से आ गया


०२/०९/२०२३   -   महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR  गीत :-


देखकर तुमको सनम चकरा गया ।

चाँद कैसे आसमां से आ गया ।।

 गीत :- देखकर तुमको सनम चकरा गया । चाँद कैसे आसमां से आ गया ।। #कविता