देखी उसने देश की हालत जब पिछड़ रहा था हथियारों में दिन के सपने जगा रहे थे गगनचुंबी हथियारों में निकला देश में एक ऐसा हीरा कद छोटा और सपने बड़े ना मैं हिंदू ना मैं मुस्लिम अपने को सिर्फ कलाम कहे 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 जन्म से निर्धन और मानवता की छांव में पले कठिन परिश्रम और सपनों को लगाया जिसने गले चीर देता था हर सन्नाटा उनकी मिसाइलों से शांति के दुश्मनों को सबक सिखाने के लिए 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 देश के लिए समर्पण और युवाओं का वह दर्पण था सफलता का जीता जागता वह एक उदाहरण था सूनी पड़ गई अब यह धरती आपके अलविदा कह जाने से जब अनंत आकाश भी दहल उठता था आपके हथियारों से 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 आओ आज हम एक कलाम को सलाम करें उनके विज्ञान को हम आज याद करें ले लेते हैं आज एक प्राण उनके विचारों का फिर से गगनचुंबी मिसाइलों का निर्माण करें 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 🖊️कविता रचियता🖊️ एक्टिव विशाल पैन्यूली ऋषिकेश देहरादून w- +919760008175 कलाम को सलाम #apjabdulkalam