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'तेरी यादों का शुक्रगुजार हूं मैं' न जाने क्या है

'तेरी यादों का शुक्रगुजार हूं मैं'

न जाने क्या है तेरी यादों में ऐसा,
कि दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जाती हैं।

थक जाता हूं दिन भर के कामों से मैं,
नहीं मुझे तेरी यादें थका पातीं हैं।

अगर दिल की कहूं तो,
तेरी यादों का शुक्रगुजार हूं मैं।

होते हुए भी दूर तुझसे,
नहीं दूरी का अहसास कराती हैं।

न जाने क्या है तेरी यादों में ऐसा,
कि दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जाती हैं।

©Ravindra Singh
  'तेरी यादों का शुक्रगुजार हूं मैं'

न जाने क्या है तेरी यादों में ऐसा,
कि दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जाती हैं।

थक जाता हूं दिन भर के कामों से मैं,
नहीं मुझे तेरी यादें थका पातीं हैं।

'तेरी यादों का शुक्रगुजार हूं मैं' न जाने क्या है तेरी यादों में ऐसा, कि दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जाती हैं। थक जाता हूं दिन भर के कामों से मैं, नहीं मुझे तेरी यादें थका पातीं हैं। #Love

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