तुम्हारा चुप रहना ही तमाशा कर जाएगा ना टूटने वालो,तुम्हे भी शीशा कर जाएगा सच्चे हो तो कहने की जुर्रत करो क्या फर्क की कौन गुस्सा कर जाएगा उन्हें होश में रखने की जिम्मेदारी है तुम पर तुम कमजोर हुए तो वो नशा कर जाएगा ये जुर्म की शूरुआत है इसका अंत करो वरना वो हिम्मत हमेशा कर जाएगा इंक़ेलाब की चिंगारी जलाओ खुद में वरना वो कब्र पर भी रास्ता कर जाएगा शीशा!