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# रात का चेहरा उतरा हुआ है, चांद | Hindi शायरी

रात का चेहरा उतरा हुआ है,
चांद जाने कहा छिपा हुआ है,
सितारे से फ़र्क नहीं पड़ता
सितारा बेचारा टूटा हुआ है,
उम्मीदों के साय में धूप है
रौशनी पर पहरा हुआ है,
तमाम रिश्ते यूं ही बन गए
रिश्तों से कब भला हुआ है,

रात का चेहरा उतरा हुआ है, चांद जाने कहा छिपा हुआ है, सितारे से फ़र्क नहीं पड़ता सितारा बेचारा टूटा हुआ है, उम्मीदों के साय में धूप है रौशनी पर पहरा हुआ है, तमाम रिश्ते यूं ही बन गए रिश्तों से कब भला हुआ है, #शायरी #nojohindi #sha_writes

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