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76th Mahatma Gandhi Punyatithi नपुंसक जन्मे थे घर

76th Mahatma Gandhi Punyatithi नपुंसक जन्मे थे घर घर, गुगो से दुनिया भारी थी। अरे भगत और सुखदेव को अंधों ने गोली मारी थी। थे बहरे भारत के हर एक बसी, न सुनाई देती थी उस वक्त बिलकती आबादी। कायरता थी इतनी की बने थे तीन बंदर। वो आर्यवत नही था उस वक्त, न जिन्दा था सनातन।

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