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जिंदगी अब रास नहीं आ रही            और मौत पास नही

जिंदगी अब रास नहीं आ रही
           और
मौत पास नहीं आ रही

सफल को भुलता कौन
     और 
असफल को पुछता कौन? 

मेहनत हम भी कम न करते
जिंदगी सफल बनाने के लिए
        और
असफलताएं हर बार मजबूर करती हैं
मौत को गले लगाने के लिए

बहुतों को मैंने ये बात समझाया
जिंदगी एक अनमोल खज़ाना
यहाँ कदम कदम पर दुख
तो है ये खुशियों का ठिकाना
        सच यह है
जिंदगी से हार मैंने माना
मौत है खुबसूरत एहसास मैंने पहचान

मैं चाहती हूँ
काश! मैं किसी की जिंदगी बचाऊँ
      और
मैं मानती हूँ
काश! मैं अपनी जिंदगी खत्म कर जाऊँ

©कलम की दुनिया
  #Death