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__________________________ हवाएँ जब तेज गति से दौ

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हवाएँ जब तेज गति से दौड़ती है और चीख़ती है.... होठों पर पसरा मौन उठ जाता है.... और आह निकलती है....

"आहह" में जिंदगी है...मगर तुम दर्द समझते हो ..... 

समझते रहो और भ्रम में जियो  |
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सुसिल ग़ाफ़िल
०१:०१
१८/०९/२०२२  __________________________

हवाएँ जब तेज गति से दौड़ती है और चीख़ती है.... होठों पर पसरा मौन उठ जाता है.... और आह निकलती है....

"आहह" में जिंदगी है...मगर तुम दर्द समझते हो ..... 

समझते रहो और भ्रम में जियो  |
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हवाएँ जब तेज गति से दौड़ती है और चीख़ती है.... होठों पर पसरा मौन उठ जाता है.... और आह निकलती है....

"आहह" में जिंदगी है...मगर तुम दर्द समझते हो ..... 

समझते रहो और भ्रम में जियो  |
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सुसिल ग़ाफ़िल
०१:०१
१८/०९/२०२२  __________________________

हवाएँ जब तेज गति से दौड़ती है और चीख़ती है.... होठों पर पसरा मौन उठ जाता है.... और आह निकलती है....

"आहह" में जिंदगी है...मगर तुम दर्द समझते हो ..... 

समझते रहो और भ्रम में जियो  |
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