ऐसा नहीं कि दिल में कोई गम नहीं रहा। लेकिन वो दर्द-ए-हिज्र का आलम नहीं रहा।। , मरने पे मेरे लोग सारे रो रहे थे पर, गुज़रा तो वक़्त घर में भी मातम नहीं रहा।। #रमेश ©Ramesh Singh #eveningtea