।।मनोबल ।। " नर हो ना निराश मन को करो , उठ खड़े हो ना हताशा दिल में भरो मंजिलें दूर नहीं , प्रयास तो करो समय ठीक नहीं पर समय के साथ ही रहो , सूरज की चमक को देखा है हर रात के बाद ही उसकी शोभा है डाली से गिरते पत्ते पर नई कोपलों सा पनपता देखा हैं तकलीफे किसको नहीं ये तो सबके हाथों की रेखा है मुरझा गए तो क्या फूलों को फिर से खिलते देखा है ।" kanchan Yadav ✍️ ©kanchan Yadav #Hopeless #नर