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rajyadav2928
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kanchan Yadav

जहां ना पहुंचे रवि वहा पहुंचे कवि YOUTUBE CHANNEL: POEMS FROM HEART

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kanchan Yadav

White सुनो बच्चों ना तनिक घबराना 
घड़ी हैं परीक्षा की हिम्मत से टकराना 
हो परिणाम कुछ भी तुम खुद पर भरोसा दिखाना 

सुनो बच्चों ना तनिक घबराना 

घड़ी मजबूत तुम्हें बनाएगी 
हर मुसीबत से लड़ना सिखाएगी
हौसलों की उड़ान रखना 
सफलता जरूर कदम चूमने आएगी 

सुनो बच्चों ना तनिक घबराना 

मेहनत पर अपनी ना प्रश्न उठाना 
काम तुम्हारा मेहनत मेहनत करते जाना 
लोगों की दृष्टि सोच पर न जाना 
तरह-तरह का मुख तरह-तरह का नजराना 

सुनो बच्चों ना तनीक घबराना
घड़ी है परीक्षा की हिम्मत से टकराना 
हो परिणाम कुछ भी तुम खुद पर भरोसा दिखाना."

©kanchan Yadav #sad_qoute
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kanchan Yadav

White जिंदा खुद का स्वाभिमान रखिए 
सदैव अपना सम्मान करिए 

अनमोल सी ये जिंदगी 
 जिंदगी का ध्यान रखिए 

शेर सी दहाड़ हो बुलंद आवाज रखिए
 सताए कितना भी जिंदगी मनमौजी मिज़ाज रखिए 

जिंदा खुद का स्वाभिमान रखिए
 सदैव अपना सम्मान करिए

©kanchan Yadav #life_quotes
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kanchan Yadav

Unsplash जिंदगी के पन्नों में तू अपनी कहानी लिख
थोड़ी नादानी थोड़ी शैतानी लिख 

ना रिश्तो की उलझन हो
ना कोई परेशानी के दिन 

मनमानिया हो तेरी और तेरे हो सारे दिन 
बन बहता पानी मत चट्टानों को गिन 

जिंदगी के पन्नों में तू अपनी कहानी लिख 
 थोड़ी नादानी थोड़ी शैतानी लिख

ता उम्र बिताई मामलों को सुलझाने में 
बचे पल बीता और आवारगी में गिन 

ना आएंगे वापस ये जवानी के दिन 
दिलो में भर ले रंग सुना सब रंग बिन 

जिंदगी के पन्नों में तू अपनी कहानी लिख 
थोड़ी नादानी थोड़ी शैतानी लिख

©kanchan Yadav #Book
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kanchan Yadav

a-person-standing-on-a-beach-at-sunset सोच समझ का अब मोल नहीं है
रिश्तो में शब्द "अनमोल "नहीं है 
दिखावे का जोर सही है 
सच्चा जो कमजोर वही है 
सोच समझ का अब मोल नहीं ;

समझदारी में लगते आरोप कईं हैं 
अपेक्षाओं में मिलते दोष कई हैं 
कभी समझ नहीं आता 
तो कहीं कोई समझता नहीं है 
जिंदगी की राहों के ये मोड़ वहीं हैं 
सोच समझ का अब मोल नहीं है ;

होता कोई कमजोर नहीं है 
दुख तोड़े उस पर अपना जोर नहीं है 
स्वयं में खुद को समझो अनमोल 
दूजो की सोच का कोई तोड़ नहीं है 
सोच समझ का अब मोल नहीं है ;

©kanchan Yadav #SunSet
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kanchan Yadav

Unsplash " बेचैन रूह को तलाश सुकून की 
आदतों को जरूरत जुनून की 

दर ब दर भटकती तृष्णा 
आसरा ढूंढे दिमागी फितूर की 

बातें अभिमानी और गुरूर की 
कर दे  फासला अति दूर ही 

वक्त की गर्मी जब खूब थी 
 दिखावे की गलियां महबूब सी 
 
बेचैन रूह को तलाश सुकून की 
आदतों को जरूरत जूनून की!"

©kanchan Yadav #snow
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kanchan Yadav

green-leaves ।।आगाज़।।

आवाज़ में हो जब खनक 
जज़्बात में हो सनक 
हौसलों में हो ललक 
कुछ करने की तड़प 
समझ लो जिंदगी ने ली 
करवट और तुम हो गए सबसे अलग  !"

©kanchan Yadav #GreenLeaves
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kanchan Yadav

White सुनो कॉकरोच भाई तुमसे चाहें एक उपकार 
छोड़ दो हमारा घर हाथ जोड़ विनती करो स्वीकार 

इर्द गिर्द तुम घुमो फल सब्जी हो या अचार
तुमने जो खाना खा लिया समझो हम हुए बीमार 

दिन में दिखाते एक दो 
रात्रि में ले आते रिश्तेदार हजार 

सुनो कॉकरोच भाई तुमसे चाहे एक उपकार 
छोड़ दो हमारा घर हाथ जोड़ विनती करो स्वीकार 

जगह नहीं कोई स्थिर तुम्हारी 
सोफा हो बेड हो या हो कोई चारपाई बेकार 

कहीं भी निकल पड़ते  ले सेना दमदार 
कितना भी हिट डालो तुम पर सब बेकार 

सुनो कॉकरोच भाई तुमसे चाहे एक उपकार 
छोड़ दो हमारा घर हाथ जोड़ विनती करो स्वीकार

हमने तो स्वीकार किया बच्चों को तुम लगते जंजाल 
इधर-उधर से आ जाते हो जैसे जादूगर दमदार 

बहुत हुई अब कहासुनी और आग्रह बार बार 
देखो अब ना तुम दिखना हम कर देंगे प्रहार

सुनो कॉकरोच भाई तुमसे चाहे एक उपकार 
छोड़ दो हमारा घर हाथ जोड़ विनती करो स्वीकार!"

©kanchan Yadav #good_night
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kanchan Yadav

White जब मन की गति धीमी हो 
 मौसम में थोड़ी नमी हो 
 गर ना मिले हल प्रश्नों का
 तो थोड़ी मस्ती जरूरी हो

थपेड़े वक्त के जब गर्म हो 
हवाएं भी जब नर्म हो 
पलटवार करना जरूरी 
जब विपरीत में स्वभाव अड़ंग हो 

भीड़ में जब महसूस अलग हो
हो रही पहचान खुद की समझ लो 
थोड़ा रुक पीछे देख लेना 
कितने अनमोल तुम स्वयं हो

जब मन की गति धीमी हो 
मौसम में थोड़ी नमी हो
रगर ना मिले हर प्रश्नों का 
 तो थोड़ी मस्ती जरूरी हो !"

©kanchan Yadav #Sad_Status
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kanchan Yadav

White रिश्तो की चादर में नमी  ने ली पनाह है 
एहसासों की जगह कमियों की सतह है

 वक्त फरामोशियो ने ले ली 
संस्कारों की जगह 
मिलना मिलना नहीं खेल दिल का 
 जबरदस्ती की मिली जैसे सजा है

रिश्तो की चादर में नमी ने ली पनाह है
एहसासों की जगह कमियों  की सतह है

खुद्दारियों का दौर अब चालाकियों का शोर है 
भोर सी भोर नहीं समय घनघोर है 

"मैं " की चाल गति अती जोर है 
स्पष्ट वादिता चरित्र बना कमजोर है 

रिश्तो की चादर में नमी ने ली पनाह है
एहसासों की जगह कमियों यों की सतह है !"

©kanchan Yadav #love_shayari
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kanchan Yadav

White          ( शायरी)

ना गुजारिश कर दिल शराफते दौर की 
शराफतो में अक्सर मिली सजा है

विश्वास के झरोखे धोखे का हवा है 
साथ रहकर वफाओं पर भारी दगा है

इल्ज़ाम है मुस्कुराने पर 
मुस्कुराहटों पर भी प्रश्न उठा है 

इल्म ना था यादें भी करेंगी गुस्ताखी
गुस्ताखियो की भी अपनी एक अदा है

ना गुजारिश कर दिल शराफते दौर की
  शराफातों में अक्सर मिली सजा है। !"

©kanchan Yadav #sad_quotes
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