ख़ामोशिया आपको धरातल के बिल्कुल नजदीक ले जा के छोड़ती है जहा रूहों को तृप्त करती है कुछ सूक्ष्म कणे.... और फिर बंजर बैठे मन मे कुरेदने की भाव मष्तिक भोगती है... पर रूह एकान्त वास ढूँढ़ती है और तब.... पूरे शरीर की ज्वाला अपनी क्रियाओं को साकार करना चाहती है पर रूह फिर से खुले आँखों मे प्रवेश कर जाती है फिर वहीं दिन और रात... कचोटते है हृदय को बार बार भोग भोगाते है और फिर खामोशीया दोहराती है.... 🥀🥀 ©chandni #खामोशीया 🥀🥀