Nojoto: Largest Storytelling Platform

वह मेरी तरफ इस प्रकार देख रहा था जैसे की मुझसे कु

 वह मेरी तरफ इस प्रकार देख रहा था जैसे की मुझसे कुछ     पूछना चाहता हो मगर मेरी अनभिज्ञता के कारण वह
 कुछ  बोला नहीं उस दिन के बाद वह बालक भी मेरी तरफ
 तरह  रोज आने लगा था | इसी  बिच हम दोनों का आपस में 
परिचय हो गया था कुछ ही दोनों का आपस में परिचय हो
 गया था कुछ ही दिनों में हम दोनों अच्छे मित्र बन गए थे | 
 वह मुझसे भाँति भाँति के प्रश्न पूछता रहता था |
  एक दिन उसने मुझसे ईश्वर के बारे में चर्चा की थी
 तब मैंने उससे पूछा था कि वह ये सब क्यों जानना चाहता है 
और सब जान कर आपकी दया मिल सकता है आखिर
 क्यों तुमइसके बारे में जानने के इतने उत्सुक हो 
इस पर बालक का बड़ा ही सुंदर जवाब था  | 
वह ये सब अपनी मन की शांति के लिए जानना 
चाहता है मैंने कहा कि तुम अभी बच्चे हो ये सब
 बाते तुम्हारे काम की नहीं है वह जिद्द पर
 अड़ा रहा लेकिन तब मैंने सोच कि क्यों न इसके लिए 
इसकी परीक्षा ली जाए अगले ही दिन प्रत्येक छात्र से 
एक प्रश्न पूछा की आप क्या है ? 
भाग २

©Vikash Arya
  #अपना_परिचय
#भाग_२