ख्वाहिशें छूकर गुज़र जातीं गर तो बेहतर होता मेरा दिल टूटे बिखरे ज़खीरों का न घर होता।। प्रीति #ख्वाहिश #बेहिसाब #ज़खीरे (भंडार, ढ़ेर) #yqhindiurdu