सैंटा जैसा दिल अब कहां हैं किसी के दिलों में वो अपनापन वाला मन? अब कहां कोई बैठता हैं दो पल अपनों के संग? अब कहां बचा हैं इंसानों में इंसानियत की वो नियत? अब कहां, कैसे और कितना इस मन को बहलाएं? अब लाएं भी तो कहां से वो सैंटा जैसा दिल? #सैंटा_जैसा_दिल #December #december