प्रेम और मृत्यु स्वयं क़ी ही परछाईया है अगर मैं प्रेम हूँ तो ये संसार भी मित्र है. अगर मैं घृणा हूँ तो परमात्मा भी शत्रु है ©Parasram Arora मित्र और शत्रु