" उनके आते ही सामने बहुत देर हो गई , जाने इस पल का इन्तजार जाने कब से था , बारिशे हुए बहुत शहर में मगर प्यास जाहिर नहीं किये , उसके आने से सामने जाने ऐसा क्या हुआ इश्क की तलब लग गई ." --- रबिन्द्र राम " उनके आते ही सामने बहुत देर हो गई , जाने इस पल का इन्तजार जाने कब से था , बारिशे हुए बहुत शहर में मगर प्यास जाहिर नहीं किये , उसके आने से सामने जाने ऐसा क्या हुआ इश्क की तलब लग गई ." --- रबिन्द्र राम #इन्तजार #प्यास #जाहिर #इश्क #तलब