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अप्रेम पत्र। क्या तुम्हें पता है कि तुम स्टुपिड ग

अप्रेम पत्र।

क्या तुम्हें पता है कि तुम स्टुपिड गर्ल हो। तुम बहुत बोलती हो। कभी-कभी तो बिल्कुल बेमतलब का। अपने पर बड़ा घमंड करती हो। थोड़ी ज़िद्दी भी हो। सोचती हो कि सब लोग वैसा ही करे जैसा सिर्फ तुम चाहती हो। मुझे इन सब में से तुम्हारी एक भी बात पसंद नहीं हैं। 
लेकिन तुमसे बात करते हुए एक दिन मैंने जाना कि तुम यह सब नहीं हो। अब इतने दिनों बाद जब मैं तुम्हें काफी हद तक जान गया हूँ तो मैं कह सकता हूँ कि इस स्टुपिड लड़की के भीतर एक बेहद समझदार लड़की मौजूद है और यह मैंने तुमसे कई बार बात करते हुए महसूस किया है। तुम वो हो जो इस दुनिया को अपने नजरिये से देखती है,अपने दिल की सुनती है,अपनी बात रखती है। तुम जो हर वक़्त इतना बोलती रहती हो उसके पीछे एक चुप सी लड़की है, जो अभी भी सिर्फ सुनना चाहती है अपने प्यार से अपने प्यार के बारें में। तुम वाकई में अच्छी हो यार।
तुम्हें पता है कभी-कभी मन करता है कि मैं तुम्हें बता दूँ कि मैं तुमसे बहुत बहुत प्यार करता हूँ। सबसे ज्यादा वाला और यह एक दिन में नहीं हुआ हैं। तुम्हें देखते ही हो गया ऐसा भी नहीं है। यह धीरे-धीरे हुआ है। हर रोज हुआ है और रोज-रोज बढ़ता गया है। इससे पहले कि मैं तुमसे इस बारें में कुछ भी कहता एक दिन तुम्हीं ने कह दिया कि यू लव मी। मुझे नहीं पता तुमने ऐसा क्यों कहा पर एक पल के लिए मुझे लगा जैसे हर खोयी हुई चीज वापस मिल गयी। हो सकता है तुमने मजाक किया हो या हो सकता है तुमने सच कहा हो, पर उस दिन जब मैंने तुम्हारी आँखों में देखा तो पाया कि ये सिर्फ प्यार से भरी हुई थी। मुझे तुम्हारी इन्हीं आंखो से प्यार है। 
हर किसी का कोई न कोई अतीत होता है। मेरा भी है, शायद तुम्हारा भी होगा। पर वह अब वापस नहीं आएगा। ना ही उसे वापस जीने की कोशिश भी करनी चाहिए। ये सिर्फ दुख देता है। इससे बाहर आने का एक ही उपाय है कि इसे भूल जाओ। जानता हूँ यह मुश्किल है फिर भी कह रहा हूँ कि इसे भूल जाओ।
तुम्हें एक बात बताऊँ। मैं अब तुमसे बहुत प्यार करने लगा हूँ। तुमसे मतलब सिर्फ तुमसे, जो तुम वास्तव हो, अपने भीतर से। मुझे उसी तुम से प्यार है। यार तुम्हें नहीं पता होगा कि तुम कितनी अच्छी हो और बेहद खूबसूरत हो। तुम बहुत समझदार भी हो। इसके अलावा भी तुम में बहुत कुछ है, जैसे तुमसे हर चीज पे बात की जा सकती है। तुम हमेशा से चाहती हो कि कोई ऐसा हो जो तुम्हें तुमसे ज्यादा प्यार कर सके। खुद से भी ज्यादा। मुझे नहीं पता कि मैं वो हूँ की नहीं हूँ। हाँ,लेकिन इतना है कि मैं भी तुमसे प्यार करता हूँ। सबसे ज्यादा नहीं लेकिन खुद से ज्यादा। 
आज मैंने तुम्हें अपना सच कह दिया है। अपने प्यार का सच। क्योंकि तुम एक दोस्त भी हो इसीलिए मुझे लगा कि तुम शायद इस प्यार का मतलब समझ पाओगी।
vikasrawal1872

Vikas Rawal

New Creator

अप्रेम पत्र। क्या तुम्हें पता है कि तुम स्टुपिड गर्ल हो। तुम बहुत बोलती हो। कभी-कभी तो बिल्कुल बेमतलब का। अपने पर बड़ा घमंड करती हो। थोड़ी ज़िद्दी भी हो। सोचती हो कि सब लोग वैसा ही करे जैसा सिर्फ तुम चाहती हो। मुझे इन सब में से तुम्हारी एक भी बात पसंद नहीं हैं। लेकिन तुमसे बात करते हुए एक दिन मैंने जाना कि तुम यह सब नहीं हो। अब इतने दिनों बाद जब मैं तुम्हें काफी हद तक जान गया हूँ तो मैं कह सकता हूँ कि इस स्टुपिड लड़की के भीतर एक बेहद समझदार लड़की मौजूद है और यह मैंने तुमसे कई बार बात करते हुए महसूस किया है। तुम वो हो जो इस दुनिया को अपने नजरिये से देखती है,अपने दिल की सुनती है,अपनी बात रखती है। तुम जो हर वक़्त इतना बोलती रहती हो उसके पीछे एक चुप सी लड़की है, जो अभी भी सिर्फ सुनना चाहती है अपने प्यार से अपने प्यार के बारें में। तुम वाकई में अच्छी हो यार। तुम्हें पता है कभी-कभी मन करता है कि मैं तुम्हें बता दूँ कि मैं तुमसे बहुत बहुत प्यार करता हूँ। सबसे ज्यादा वाला और यह एक दिन में नहीं हुआ हैं। तुम्हें देखते ही हो गया ऐसा भी नहीं है। यह धीरे-धीरे हुआ है। हर रोज हुआ है और रोज-रोज बढ़ता गया है। इससे पहले कि मैं तुमसे इस बारें में कुछ भी कहता एक दिन तुम्हीं ने कह दिया कि यू लव मी। मुझे नहीं पता तुमने ऐसा क्यों कहा पर एक पल के लिए मुझे लगा जैसे हर खोयी हुई चीज वापस मिल गयी। हो सकता है तुमने मजाक किया हो या हो सकता है तुमने सच कहा हो, पर उस दिन जब मैंने तुम्हारी आँखों में देखा तो पाया कि ये सिर्फ प्यार से भरी हुई थी। मुझे तुम्हारी इन्हीं आंखो से प्यार है। हर किसी का कोई न कोई अतीत होता है। मेरा भी है, शायद तुम्हारा भी होगा। पर वह अब वापस नहीं आएगा। ना ही उसे वापस जीने की कोशिश भी करनी चाहिए। ये सिर्फ दुख देता है। इससे बाहर आने का एक ही उपाय है कि इसे भूल जाओ। जानता हूँ यह मुश्किल है फिर भी कह रहा हूँ कि इसे भूल जाओ। तुम्हें एक बात बताऊँ। मैं अब तुमसे बहुत प्यार करने लगा हूँ। तुमसे मतलब सिर्फ तुमसे, जो तुम वास्तव हो, अपने भीतर से। मुझे उसी तुम से प्यार है। यार तुम्हें नहीं पता होगा कि तुम कितनी अच्छी हो और बेहद खूबसूरत हो। तुम बहुत समझदार भी हो। इसके अलावा भी तुम में बहुत कुछ है, जैसे तुमसे हर चीज पे बात की जा सकती है। तुम हमेशा से चाहती हो कि कोई ऐसा हो जो तुम्हें तुमसे ज्यादा प्यार कर सके। खुद से भी ज्यादा। मुझे नहीं पता कि मैं वो हूँ की नहीं हूँ। हाँ,लेकिन इतना है कि मैं भी तुमसे प्यार करता हूँ। सबसे ज्यादा नहीं लेकिन खुद से ज्यादा। आज मैंने तुम्हें अपना सच कह दिया है। अपने प्यार का सच। क्योंकि तुम एक दोस्त भी हो इसीलिए मुझे लगा कि तुम शायद इस प्यार का मतलब समझ पाओगी। #Books

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