यौवन पकता है और यौवन की रूह आगे बढ़ती है....... ज़ब दो चार बार यौवन में दिल का टूटना और फिर टूट कर जुड़ना होता है कहते है इश्क कविता और दीवांनगी यौवन के आभूषण है ज़ो गुलाबी सपने सतरंगी आकांक्षाएं और जल प्रपात की भांति यूवाओ क़ो लुभाते है l आज की युवा पीड़ी मानसिक रूप से एक नए युग में प्रवेश कर चुकी है उनके बुजुर्ग मातापिता और शिक्षक इत्यादि उनसे बहुत पीछे छूट गए है इस दरार क़ो जैनरेशन गैप कहा जाता है ©Parasram Arora यौवन और जनरेशन गैप.