*आर्तनाद* मैं जब भी उदास होता हूं तो तुम्हारी हर बात के जवाब में, मैं जो भी जवाब दूं,वो कोई पुराना अनापशनाप एतिहासिक सत्य ही होगा झूठ लेशमात्र भी नहीं होगा उसमे। तुम भी मुझे मेरी उदासी में खूब खगालने लगी हो, याद रखना अतीत के मन्थन में, अमृत निकलने के बाद, जब गला रूंधने लगे और ताजा ताजा गरल निकलने लगे, तो मथना बन्द कर देना, वरना तुम नदियों में ज़हर घोलना शुरु कर दोगे, जो तुम्हारी आने वाली नस्लों को नेस्तनाबूद कर देगी। या तो ये नाले* साफ करो, नहीं तो ये शोखियों में घुलता जाएगा। *आर्तनाद नाले*-गन्दे पानी का निकास मार्ग और इसका अर्थ आर्तनाद भी होता है।