कोई पत्ता हिले हवा तो चले कौन अपना है ये पता तो चले तू सितम से न हाथ अभी और कुछ दिन ये सिलसिला तो चले मंजिले खुद करीब आयेंगी ये अजिजानो का काफ़िला तो चले शहर हो गाव हो या हो घर अपना आबुदाना ही उठ गया तो चले हर किसी से मिला करो ए जफ़र कौन कैसा है कुछ पता तो चले ©Deepbodhi #SunSet zindagi sad shayari shayari status attitude shayari hindi shayari sad shayari english translation