White बदलेगा जमाना तो हम भी बदल जायेंगे जिस सांचे में कहोगे उसी में ढल जायेंगे बेकार उन्हें नसीहत क्यूँ दिया करते हो जिनके इरादे हों बुलंद ख़ुद सम्भल जायेंगे इक ईमान की ही दौलत तो है मेरे पास जिसे बचाने को हम अंगार में चल जायेंगे आजमाकर देख लो हमें कहाँ तक आजमाओगे तुम्हारी हस्ती से बहुत ऊपर निकल जायेंगे आज जो आये हैं तुम्हारे हमदर्द बनकर आड़े वक़्त में पहले वही निकल जायेंगे मौके देती है सम्भलने के गिरने की इजाजत नहीं ज़िंदगी शराब नहीं जो पी के फिसल जायेंगे ©अज्ञात #साँचा