बात बात में इंसान यहाँ कूद है पड़ता दंगल में जान है अब सस्ती,यहाँ खेल बिगड़ जाता है पल में रिस्ते नाते प्यार मोहब्बत, सब रखा रहता साईड में दौलत की ख़ातिर, यहाँ खेल बिगड़ जाता है पल में जनता, विकास, रोजी रोटी गया सब चूल्हे भाड़ में सत्ता पाने के लिए यहाँ खेल बिगड़ जाता है पल में क्रोध ,लोभ,ईर्ष्या,और माया जलती मन की भट्टी में आगे बढ़ने के लिए यहाँ खेल बिगड़ जाता है पल में #motivational #poem #quotes #human #life