मै तुम्हे फिर मिलूंगी पर यादो के धागे कायनात के लम्हो की तरह होते है. मैं उन लम्हो क़ो चुनूँगी उन धागो क़ो समेत लूंगी मै तुझे मिलूंगी... पर पता नही कैसे और कहाँ लेकिन मै तुझेफिर मिलूंगी.... l ©Parasram Arora मै तुझे फिर मिलूंगी... अमृता प्रीतम