यूँ तो ज़िन्दग़ी बड़ी आसान है, पर उनके लिए बिल्कुल भी नहीं , जो खुद से ही परेशान हैं । तौहमत न लगा किसी ग़ैर को, असल गुनहगार तो ,खुद के ही अरमान हैं । कवायदें छोड़ दो ,औरों को हद में रखने की, खुद की हदों का ज़रा भी ध्यान हैं? चाहे तो दरिया डुबा सकता है जहाँ को, पर हद में रहना ही तो उसकी शान है। वक्त मिले तो गुफ्तगू कर भी लेना कभी, मिटा लेना फासले,जो दरम्यान हैं । #Sakhicharan Das 15/12/19,sunday