दोस्तो आज उत्तरा खण्ड सही सलामत वापस आगया हूं। यात्रा बहुत अच्छी रही । मैने अब तक 3 बार यात्रा कर चुका हूं 2003 में हमने पहली बार अपनी कार से यात्रा की थी पहाड़ों पर तब रात्रि कालीन पहाड़ पर कार चलाना बंद था तब सही सलामत रास्ते नही थे तब हमने चारो धाम पूरे किए थे। इस बार हैं रात्रि में कार चलाने का निर्णय लिया वह इसलिए माता रानी की सवारी बाघ को खुले जंगल में देखने की इच्छा थी वैसे बाघ आम तौर पर दिखते नही है मैं रानी खेत से 70 किमी ऊपर के जंगल से गुजर रहा था पहाड़ की ढलान थी की अचानक मेरी गाड़ी के सामने बाघ धारी वाला जिसे शेर भी कहते है आ गया मैने गाड़ी में ब्रेक लगाए गाड़ी ढलान पर खड़ी हो गई जब तक मैने अपने मोबाइल से उसकी फोटो खींचने के लिए रेडी हुवा तब तक वह फिर जंगल में चला गया 🙏🙏 ©sanjay Kumar Mishra #संजय_मिश्रा