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हौले से छू के हवा गुज़र गयी ज़िस्म तो ठंडा रहा पर र

हौले से छू के हवा गुज़र गयी
ज़िस्म तो ठंडा रहा 
पर रूह भीतर कहीं सिहर गयी

जाने क्या बात थी उस झोंके मे
बिना कुछ कहे
वो कुछ कह गयी

इश्क़ तो कभी नापाक नहीं होता
पर बदनामीयों की हवा
जाने कँहा कँहा गयी....

©Jai Pathak
  #झोंका हवा का