Unsplash मुझमें 'कबीर' का फक्कड़पन, मुझमें 'तुलसी' की समता है !! है 'सूर' का मुझमें 'वात्सल्य' 'मीराबाई' की ममता है !! मुझमें प्रकृति का 'पंत' प्रेम, मुझमें 'दिनकर' की है 'हुँकार' मुझमें 'रसखान' का प्रेम भरा, 'रहिमन' की भाव प्रवणता है !! ✍️✍️ रवि श्रीवास्तव ( स्कूल डायरी-'बच्चों के बीच में !' ) ©Ravi Srivastava #Book