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डरा रहा है विश्व को,विष अणु हे हनुमान। तुम लाओ संज

डरा रहा है विश्व को,विष अणु हे हनुमान।
तुम लाओ संजीवनी,तुरत बचाओ प्राण।

क्षुब्ध, थकित मानव हुआ,डरा हुआ इंसान।
रोग जु सुरसा सा बढ़ा , खत्म करो हनुमान।

शुभ घड़ी मंगल जन्म दिन,जब प्रकटे हनुमान।
धरा सुरक्षित हो गई, इसी भगत से जान।

केसरी लाल पवन सुत,मांअंजनि के लाल‌।
नतमस्तक हो कह रहे, काल बड़ा  विकराल।

धन्य हुए तुम राम भक्त, हृदय राम का वास।
काल करोना खत्म हो, हमें तुम्ही से आस।

©veena khandelwal #hanumanjayanti की बधाई
डरा रहा है विश्व को,विष अणु हे हनुमान।
तुम लाओ संजीवनी,तुरत बचाओ प्राण।

क्षुब्ध, थकित मानव हुआ,डरा हुआ इंसान।
रोग जु सुरसा सा बढ़ा , खत्म करो हनुमान।

शुभ घड़ी मंगल जन्म दिन,जब प्रकटे हनुमान।
धरा सुरक्षित हो गई, इसी भगत से जान।

केसरी लाल पवन सुत,मांअंजनि के लाल‌।
नतमस्तक हो कह रहे, काल बड़ा  विकराल।

धन्य हुए तुम राम भक्त, हृदय राम का वास।
काल करोना खत्म हो, हमें तुम्ही से आस।

©veena khandelwal #hanumanjayanti की बधाई