बुनते बुनते ख्वाब जमीं भर गया तू आया तो हर कमी भर गया हर नज़र चाहती थी एक नज़र तेरी जिसे नसीब हुआ वो वहीं ठहर गया खिड़की खुली रखते थे लोग घर के जिस राह से होकर तेरा घर गया तू सर झुका के चलती थी तुझे क्या पता तेरी झलक पे कौन कौन मर गया पीछे मुड़ कर एक दिन जो देखा तूने "प्रधान" उस पल से तुझमे उतर गया #love #nojoto #nojotohindi #taza #gazal