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Unsplash तुम प्रेम गीत श्रृंगार लिखो, तुम प्रेमी क

Unsplash तुम प्रेम गीत श्रृंगार लिखो,
तुम प्रेमी के संग प्यार लिखो 
तुम गलबाहियो का हार लिखो।
मै लिख दूँ सारी करुण कथा 
मै लिख दूँ नारी की विरह व्यथा।

तुम लिखो सवेरा खुशियों का,
तुम लिखो चाँद उन्हें रतियों का,
तुम लिखो बहारों की गुनगुन,
तुम लिखो सावन की रिमझिम,

मैं लिख दूँ सूखे पत्तों की कराह,
मैं लिख दूँ सागर का प्रवाह,
मैं लिख दूँ मूक होठो की भाषा,,
मैं लिख दूँ आँसुओं की परिभाषा।

तुम रचो सपनों की वरमाला,
जहाँ हो चिरागों का उजाला।
मैं लिखूँ टूटे सपनों का दर्द,
जहाँ अँधेरा हो गया श्याह जर्द।

तुम शब्दों में फूल खिलाओ,
मैं शब्दों में कांटे बो दूँ।
तुम प्रेमी के हृदय को जोड़ो,
मैं टूटे दिलों का शोर लिख दूँ।

यह काव्य तुम्हारा और मेरा,
दो ध्रुवों का ऐसा संगम बने।
जहाँ प्रेम और पीड़ा साथ मिलें,
और जीवन की पूरी तस्वीर बने।।

पूनम सिंह भदौरिया

©meri_lekhni_12 #Book  love shayari
Unsplash तुम प्रेम गीत श्रृंगार लिखो,
तुम प्रेमी के संग प्यार लिखो 
तुम गलबाहियो का हार लिखो।
मै लिख दूँ सारी करुण कथा 
मै लिख दूँ नारी की विरह व्यथा।

तुम लिखो सवेरा खुशियों का,
तुम लिखो चाँद उन्हें रतियों का,
तुम लिखो बहारों की गुनगुन,
तुम लिखो सावन की रिमझिम,

मैं लिख दूँ सूखे पत्तों की कराह,
मैं लिख दूँ सागर का प्रवाह,
मैं लिख दूँ मूक होठो की भाषा,,
मैं लिख दूँ आँसुओं की परिभाषा।

तुम रचो सपनों की वरमाला,
जहाँ हो चिरागों का उजाला।
मैं लिखूँ टूटे सपनों का दर्द,
जहाँ अँधेरा हो गया श्याह जर्द।

तुम शब्दों में फूल खिलाओ,
मैं शब्दों में कांटे बो दूँ।
तुम प्रेमी के हृदय को जोड़ो,
मैं टूटे दिलों का शोर लिख दूँ।

यह काव्य तुम्हारा और मेरा,
दो ध्रुवों का ऐसा संगम बने।
जहाँ प्रेम और पीड़ा साथ मिलें,
और जीवन की पूरी तस्वीर बने।।

पूनम सिंह भदौरिया

©meri_lekhni_12 #Book  love shayari