किसी के इंतज़ार में दिनों को रात करो लफ़्ज़ की रूह में उतरो, खतों से बात करो कहां अभी भी ज़िंदगी ठहर के बैठी है पता लगाओ, ज़रा उससे मुलाकात करो करी जो दुश्मनी तो एक बार भी न कहा प्यार की बात में कहते हो, एहतियात करो दगा का बोझ है, लादोगे, टूट जाओगे रिटर्न गिफ्ट में दे दो, चलो निज़ात करो वो एक शहर जो दिल में घर बनाके बैठा है लौट आओ कि वहीं ज़िंदगी की रात करो दबी हैं खिलखिलाहटें उमर की सलवट में हैं मुंतज़िर कि फ़िर से कोई खुराफ़ात करो (२१:३३, १० जनवरी १९) #NojotoQuote बात करो... किसी के इंतज़ार में दिनों को रात करो लफ़्ज़ की रूह में उतरो, खतों से बात करो कहां अभी भी ज़िंदगी ठहर के बैठी है पता लगाओ, ज़रा उससे मुलाकात करो करी जो दुश्मनी तो एक बार भी न कहा