Nojoto: Largest Storytelling Platform

मेले की तरफ देखते ही मुझे मेरा प्यार याद आया, उन ह

मेले की तरफ देखते ही मुझे मेरा प्यार याद आया,
उन हाथों में खनखनाती चूड़ियों का ख्याल आया ।
किस तरह पतली कमर बल खाए  जा रही थी,
नागिन के जैसे झूमते हुए वो मस्ती में जा रही थी।
पहली ही नजर में मैं उस पर कैसा मर मिटा था,
क्या बताऊं मैं आपको उसे दिल दे बैठा था।
जाकर उसे अपने  बेचैन दिल का हाल सुनाया,
सभी झूलो में एक-एक करके उसे बिठाया।
हम थे बड़े अनाड़ी वह लड़की होशियार थी ,
पैसे उसके पास नहीं थे  हमे यूज कर रही थी।
अच्छे से मेला घूम लिया बाद में  मुझसे बोली,
मैं हूं अपने बाबा की लड़की सीधी और भोली।
कल फिर मिलेंगे मेले में चलो अब मैं चलती हूं,
सोते जागते मैं भी बस तुमको देखा करती हूं।
फिर कभी वो किसी मेले में मुझे नहीं दिखाई दी,
किसी बुरे सपने के जैसे दिल से अब वो उतर गई!

©SumitGaurav2005
  #मेला #mela #nojotowritingprompt #sumitkikalamse #LoveStory #शायरी #shayari #कविता  #kavita #Poetry